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Hamas attack: इज़रायल के कब्जे वाले गाजा में हमास का सरप्राइज अटैक: जानें कब क्या हुआ?

Hamas attack: इज़रायल के कब्जे वाले गाजा में हमास का सरप्राइज अटैक: जानें कब क्या हुआ?




हमास के आतंकियों ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमलाकर (Israel Gaza War) यहां बड़ी संख्या में लोगों की हत्या कर दी. इस घटना के बाद से इजरायल ने जवाबी मोड में आकर गाजा के हमास शासकों के बीच युद्ध छेड़ दिया. यह इज़रायल के 75 साल के इतिहास में सबसे भयानक हमलों में से एक था. इज़रायली अधिकारियों ने बताया कि इस इस हमले में उनके 1,400 से ज्यादा लोग मारे गए, जिसमें ज्यादातर नागरिक शामिल थे.


अब तक का अहम घटनाक्रम:

7 अक्टूबर की सुबह यहूदी त्योहार के दिन हमास के सैकड़ों लड़ाकों ने जमीन, समुद्र और हवा से दक्षिणी इज़रायल में घुसपैठ कर दी और गाजा से इज़रायल पर रॉकेट बरसाए.इज़रायली अधिकारियों के मुताबिक हमलों में उनके 1,400 से ज्यादा लोग मारे गए.


अधिकारियों ने बताया कि हमास के आतंकियों ने इजरायली और विदेशी, 240 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया.

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इस तरह की बर्बरता  "शोह के बाद से नहीं देखी गई". उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, इज़रायल और यूरोपीय संघ के सहयोग से आतंकी संगठन हमास को "कुचलने" की कसम खाई. 


इजरायल की जवाबी कार्रवाई, गाजा पर बमबारी

गाजा पट्टी पर इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई और तेज कर दी. वह एयर स्ट्राइक कर हमास के लड़ाकों से लड़ रहा है. इजरायल की सेना ने 10 अक्टूबर को गाजा सीमा क्षेत्र पर फिर से नियंत्रण कर लिया.


इज़रायल ने 9 अक्टूबर को "पूर्ण घेराबंदी" की घोषणा कर गाजा पट्टी पर खाना, पानी, बिजली की आपूर्ति रोक दी. जिसकी वजह से गाजा पट्टी के 2.4 मिलियन लोगों के बीच संकट पैदा हो गया.


13 अक्टूबर को, इज़रायल ने उत्तरी गाजा के नागरिकों से 24 घंटे के भीतर दक्षिण की ओर जाने की अपील की, जिसके बाद  सैकड़ों-हजारों फिलिस्तीनी वहां से भाग गए. वहीं अरब लीग ने जबरन लोगों को भेजे जाने की निंदा की. 


इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच झड़प

उत्तर में, इज़रायल ने लेबनान के हिजबुल्लाह के साथ बॉर्डर पार से गोलीबारी की. हिजबुल्लाह ईरान द्वारा समर्थित हमास का सहयोगी भी है. दक्षिणी लेबनान में, 13 अक्टूबर को एक रॉयटर्स वीडियो जर्नलिस्ट की हत्या कर दी गई और एक हमले में एएफपी, रॉयटर्स और अल जज़ीरा के छह पत्रकार घायल भी हुए.


गाजा में अस्पताल की हड़ताल

17 अक्टूबर को गाजा के अल-अहली अस्पताल पर एक घातक हमला हुआ. हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि इस हमले में करीब 471 लोग मारे गए.


अमेरिकी ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक हमले में "100 से 300" लोग मारे गए. इज़रायल ने हमले की बात से इनकार करते हुए इसके लिए इस्लामिक जिहाद आतंकवादियों द्वारा दागे गए रॉकेट को जिम्मेदार ठहराया.


अरब देशों में हज़ारों लोगों ने इजरायल के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन किए. 


पांच बंधकों को मुक्त कराया गया

20 और 22 अक्टूबर को, हमास ने चार महिला बंधकों को रिहा कर दिया. 30 अक्टूबर को, इज़रायली बलों ने एक ज़मीनी ऑपरेशन के दौरान एक इज़रायली महिला सैनिक को बचा लिया. 


28 अक्टूबर को, हमास ने कहा कि वह इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों के बदले ही बंधकों को रिहा करेगा. 


सहायता ट्रकों की गाजा में एंट्री

 पहला मानवीय सहायता ट्रक 21 अक्टूबर को मिस्र के राफाह बॉर्डर से होकर गाजा पट्टी में पहुंचा. इस दौरान पीड़ितों के लिए खाना, दवाएं और अन्य जीवनरक्षक सामग्री पहुंचाई गई. 3 नवंबर तक 370 से ज्यादा ट्रक गाजा पट्टी में पहुंचे. 


इजरायल के तेज होते हमले

21 अक्टूबर को इजरायल ने अपने हवाई हमले तेज कर दिए. ईरान ने अगले दिन चेतावनी दी कि मिडिल ईस्ट के नियंत्रण से बाहर होने का ख़तरा है.


मानवीय कानून का उल्लंघन

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 24 अक्टूबर को गाजा में "अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के स्पष्ट उल्लंघन" की निंदा की.


संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि युद्ध शुरू होने के बाद से करीब 14 लाख फ़िलिस्तीनी अपना घर छोड़कर भाग गए.


गाजा में इजरायली टैंक

26 अक्टूबर को इजरायली टैंक कई घंटों के लिए गाजा में दाखिल हुए. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अगले दिन "तत्काल मानवीय संघर्ष विराम" का आह्वान किया.


अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के अभियोजक करीम खान ने 29 अक्टूबर को कहा कि मानवीय सहायता पहुंचने से रोकना "एक अपराध" हो सकता है.


27 अक्टूबर को इज़रायली सेना ने कहा कि उसने गाजा के अंदर अपने जमीनी अभियानों का विस्तार कर दिया है. पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने "युद्ध के दूसरे चरण" की घोषणा की, जिसका उद्देश्य हमास की सैन्य और नेतृत्व क्षमताओं को नष्ट करना और बंधकों को छुड़ाना था. नेतन्याहू ने साफ-साफ कहा कि युद्धविराम "नहीं होगा".


31 अक्टूबर को, इज़रायली सेना ने गाजा के अंदर "भीषण लड़ाई" की सूचना दी.


मिस्र के लिए निकासी

1 नवंबर को मिस्र ने राफाह क्रॉसिंग खोल दी, जिसके बाद दर्जनों घायल फिलिस्तीनी और सैकड़ों विदेशी और दोहरे नागरिक गाजा छोड़ मिस्र की तरफ चले गए.  


मिस्र ने कहा कि वह करीब 7,000" विदेशियों और दोहरे नागरिकों को गाजा से निकालने में मदद करेगा.


शरणार्थी शिविर पर हुई बमबारी 

31 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच, इज़रायल की सेना ने उत्तरी गाजा के जबालिया शरणार्थी शिविर पर तीन बार एयर स्ट्राइक की. विस्थापित लोगों को शरण देने वाले संयुक्त राष्ट्र के चार स्कूल भी हमले से प्रभावित हुए हैं.


संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि "गाजा में नरसंहार और मानवीय तबाही को रोकने के लिए समय खत्म  होता जा रहा है."


इजरायल ने गाजा शहर को घेरा

उत्तरी गाजा में करीब एक हफ्ते की जमीनी लड़ाई के बाद, इज़रायल की सेना ने 2 नवंबर को ऐलान किया कि उसने गाजा शहर को घेर लिया है.


3 नवंबर को, इज़रायल ने लड़ाई शुरू होने के बाद से इज़रायल में फंसे हजारों फिलिस्तीनी श्रमिकों को वापस भेजना शुरू कर दिया.


तेल अवीव में, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दोहराया कि इज़रायल के पास अपनी रक्षा करने का "अधिकार" और "दायित्व" है, लेकिन उनसे गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों की रक्षा करने की भी अपील की गई. उनका कहना है कि इजरायल को फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण से ही सुरक्षा मिलेगी.


हिज़्बुल्लाह की चेतावनी

हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह ने इज़रायल को लेबनान पर हमला करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि "संपूर्ण युद्ध" समेत "सभी विकल्प" टेबल पर हैं.


हमास ने कहा कि क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल के पास  इजरायल ने एक एंबुलेंस के काफिले पर हमला किया गया.


4 नवंबर को, एंटनी ब्लिंकन ने लड़ाई में "मानवीय विराम" के लिए अमेरिकी समर्थन की पुष्टि की, इस विचार को नेतन्याहू ने खारिज कर दिया. इजरायली चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हरजी हलेवी ने गाजा के अंदर जमीनी क्षेत्र ्का दौरा किया.

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