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आज का वैदिक पंचांग | Aaj Ka Vedic Panchang

आज का वैदिक पंचांग | Aaj Ka Vedic Panchang 




🌤️ दिनांक - 07 नवम्बर 2023

🌤️ दिन - मंगलवार

🌤️ विक्रम संवत - 2080 (गुजरात - 2079)

🌤️ शक संवत -1945

🌤️ अयन - दक्षिणायन

🌤️ ऋतु - हेमंत ॠतु 

🌤️ मास - कार्तिक (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार आश्विन)

🌤️ पक्ष - कृष्ण 

🌤️ तिथि - दशमी  पूर्ण रात्रि तक

🌤️ नक्षत्र - मघा शाम 04:24 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी

🌤️ योग - ब्रह्म शाम 03:20 तक  तत्पश्चात इन्द्र

🌤️ राहुकाल - शाम 03:11 से शाम 04:36 तक

🌞 सूर्योदय-06:45

🌤️ सूर्यास्त- 17:58

👉 दिशाशूल - उत्तर दिशा में

🚩 व्रत पर्व विवरण - दशमी वृद्धि तिथि

💥 *विशेष - 


🌷 दीपावलीः लक्ष्मीप्राप्ति की साधना 🌷

➡ 12 नवम्बर 2023 रविवार को दीपावली है।

🎆 दीपावली के दिन घर के मुख्य दरवाजे के दायीं और बायीं ओर गेहूँ की छोटी-छोटी ढेरी लगाकर उस पर दो दीपक जला दें। हो सके तो वे रात भर जलते रहें, इससे आपके घर में सुख-सम्पत्ति की वृद्धि होगी।

🔥 मिट्टी के कोरे दिये  में कभी भी तेल-घी नहीं डालना चाहिए। दिये 6 घंटे पानी में भिगोकर रखें, फिर इस्तेमाल करें। नासमझ लोग कोरे दिये में घी डालकर बिगाड़ करते हैं।

🙏🏻 लक्ष्मीप्राप्ति की साधना का एक अत्यंत सरल और केवल तीन दिन का प्रयोगः दीपावली के दिन से तीन दिन तक अर्थात् भाईदूज तक एक स्वच्छ कमरे में अगरबत्ती या धूप (केमिकल वाली नहीं-गोबर से बनी) करके दीपक जलाकर, शरीर पर पीले वस्त्र धारण करके, ललाट पर केसर का तिलक कर, स्फटिक मोतियों से बनी माला द्वारा नित्य प्रातः काल निम्न मंत्र की दो मालायें जपें।

🌷 ॐ नमो भाग्यलक्ष्म्यै च विद् महै।

अष्टलक्ष्म्यै च धीमहि। तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्।।

🍃 अशोक के वृक्ष और नीम के पत्ते में रोगप्रतिकारक शक्ति होती है। प्रवेशद्वार के ऊपर नीम, आम, अशोक आदि के पत्ते को तोरण (बंदनवार) बाँधना मंगलकारी है।


🌷 धनतेरस 🌷

➡ 10 नवम्बर 2023 शुक्रवार को धनतेरस हैं |

‘स्कंद पुराण’ में आता है कि धनतेरस को दीपदान करनेवाला अकाल मृत्यु से पार हो जाता है | धनतेरस को बाहर की लक्ष्मी का पूजन धन, सुख-शांति व आंतरिक प्रीति देता है | जो भगवान की प्राप्ति में, नारायण में विश्रांति के काम आये वह धन व्यक्ति को अकाल सुख में, अकाल पुरुष में ले जाता है, फिर वह चाहे रूपये – पैसों का धन हो, चाहे गौ – धन हो, गजधन हो, बुद्धिधन हो या लोक – सम्पर्क धन हो | धनतेरस को दिये जलाओगे .... तुम भले बाहर से थोड़े सुखी हो, तुमसे ज्यादा तो पतंगे भी सुख मनायेंगे लेकिन थोड़ी देर में फड़फड़ाकर जल – तप के मर जायेंगे | अपने – आपमें, परमात्मसुख में तृप्ति पाना, सुख - दुःख में सम रहना, ज्ञान का दिया जलाना – यह वास्तविक धनतेरस, आध्यात्मिक धनतेरस है |


🌷 एकादशी व्रत के लाभ 🌷

➡️ 08 नवम्बर 2023 बुधवार को सुबह 08:24 से 09 नवम्बर, गुरुवार को सुबह 10:41 तक एकादशी है।

💥 विशेष - 09 नवम्बर, गुरुवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।

🙏🏻 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

🙏🏻 जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

🙏🏻 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।

🙏🏻 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।

🙏🏻 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।

🙏🏻 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी  ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।


🌷 एकादशी के दिन करने योग्य 🌷

🙏🏻 एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें    .......विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l


🌷 एकादशी के दिन ये सावधानी रहे 🌷

🙏🏻 *महीने में १५-१५ दिन में  एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो  चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है...


जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष

दिनांक 7 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 7 होगा। यह अंक वरूण ग्रह से संचालित होता है। आप खुले दिल के व्यक्ति हैं। आपकी प्रवृत्ति जल की तरह होती है। जिस तरह जल अपनी राह स्वयं बना लेता है वैसे ही आप भी तमाम बाधाओं को पार कर अपनी मंजिल पाने में कामयाब होते हैं। किसी के मन की बात तुरंत समझने की आपमें दक्षता होती है। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति अपने आप में कई विशेषता लिए होते हैं। आप पैनी नजर के होते हैं।

 

शुभ दिनांक : 7, 16, 25

 

शुभ अंक : 7, 16, 25, 34


शुभ वर्ष : 2023

 

ईष्टदेव : भगवान शिव तथा विष्णु


शुभ रंग : सफेद, पिंक, जामुनी, मेहरून

 

कैसा रहेगा यह वर्ष

नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए समय सुखकर रहेगा। नवीन कार्य-योजना शुरू करने से पहले केसर का लंबा तिलक लगाएं व मंदिर में पताका चढ़ाएं। आपके कार्य में तेजी का वातावरण रहेगा। आपको प्रत्येक कार्य में जुटकर ही सफलता मिलेगी। अधिकारी वर्ग का सहयोग मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी

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