Nipah Virus: केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस के चलते दो दिन स्कूल रहेंगे बंद, राज्य सरकार ने उठाए ये बड़े कदम
छुट्टी की घोषणा कोझिकोड जिला कलेक्टर ए गीता ने की थी, उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि सभी एजुकेशन इंस्टीट्यूट स्टूडेंट्स के लिए दो दिनों के लिए ऑनलाइन क्लासेस चला सकते हैं. हालांकि, इसके चलते यूनिवर्सिटी के एक्जाम शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं होंगे.
इस बीच, कोझिकोड में निपाह के प्रकोप के बाद पड़ोसी जिले वायनाड में 24 घंटे का कंट्रोल रूम बनाया गया था. वायनाड जिला प्रशासन ने प्रिवेंशन और मॉनिटरिंग एक्टिविटीज को लीड करने और इमरजेंसी कंडीशन से निपटने के लिए 15 कोर समितियों का भी गठन किया है.
सरकार ने कहा कि राज्य में देखा गया वायरस बांग्लादेश संस्करण का था जो मानव से मानव में फैलता है और इसकी मृत्यु दर अधिक है, हालांकि यह कम संक्रामक है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि, हाई रिस्क के कॉन्टेक्ट में आने वाले सभी 76 लोगों की हालत स्थिर बनी हुई है.
सरकार ने यह भी कहा था कि जिन 13 अन्य लोगों में इसके हल्के लक्षण दिखे हैं, उनको अब अस्पताल में रखा गया है और उनका इलाज किया जा रहा है. वहीं 9 साल के बच्चे को इनटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया है.
इसमें कहा गया था कि बच्चे के इलाज के लिए आईसीएमआर से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का ऑर्डर दिया गया है. यह निपाह वायरस संक्रमण के लिए एकमात्र उपलब्ध एंटी-वायरल उपचार है, हालांकि यह अभी तक चिकित्सकीय रूप से सिद्ध नहीं हुआ है.
ब्रेन को नुकसान पहुंचाने वाले वायरस के प्रकोप के मद्देनजर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक भी आयोजित की गई.
जॉर्ज ने कहा कि, सीएम की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति का गहन विश्लेषण किया गया और "हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि रोकथाम के सभी संभावित उपाय मौजूद हैं और घबराने की कोई जरूरत नहीं है."
मंत्री ने यह भी कहा कि, डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर के अध्ययनों से पता चला है कि केवल कोझिकोड ही नहीं बल्कि पूरे केरल राज्य में इस तरह का संक्रमण होने का खतरा है.
जॉर्ज ने कहा कि, फॉरेस्ट एरिया में रहने वाले लोगों को सबसे अधिक सावधानी बरतनी होगी, और कहा कि निपाह वायरस का नया मामला फॉरेस्ट एरिया के पांच किलोमीटर के अंदर पैदा हुआ था.
बीमारी की गंभीर प्रकृति को देखते हुए, कोझिकोड प्रशासन ने मंगलवार को सात ग्राम पंचायतों- अतानचेरी, मारुथोंकारा, तिरुवल्लुर, कुट्टियाडी, कयाक्कोडी, विल्यापल्ली और कविलुम्परा- को कंटेनमेंट एरिया घोषित कर दिया था.
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