Adani Group: अदाणी समूह ने OCCRP के सभी आरोपों को खारिज किया
अदाणी समूह ने कहा कि एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक अपीलीय न्यायाधिकरण - दोनों ने पुष्टि की है कि मूल्यांकन को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं दिखाया गया और लेनदेन लागू कानूनों के अनुसार किए गए थे बयान में आगे कहा गया, "चल रही नियामक प्रक्रिया का सम्मान करना अहम है... हमें कानून की उचित प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है और हम अपने खुलासों की गुणवत्ता और कॉरपोरेट प्रशासन मानकों के प्रति आश्वस्त हैं... इन तथ्यों के प्रकाश में इन समाचार रिपोर्टों का समय संदिग्ध, शरारतपूर्ण और दुर्भावनापूर्ण है, और हम इन रिपोर्टों को पूरी तरह खारिज करते हैं..."
सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी समूह के पक्ष में फैसला सुनाया था और मामला मार्च, 2023 में बंद कर दिया गया था. समूह के मुताबिक, "स्पष्ट रूप से चूंकि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं पाया गया था, इसलिए धन के लेनदेन को लेकर लगे इन आरोपों की कोई प्रासंगिकता या आधार नहीं है..."
समूह ने कहा, OCCRP द्वारा किए गए ये दावे "एक दशक पहले के बंद मामलों पर आधारित हैं, जब राजस्व खुफिया निदेशालय ने अधिक चालान, विदेश में धन के हस्तांतरण, संबंधित पार्टी लेनदेन और FPI के माध्यम से निवेश के आरोपों की जांच की थी..." अदाणी समूह ने यह भी साफ़ किया कि जिन FPI का नाम लिया गया, वे पहले से भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की जांच का हिस्सा हैं.
समूह ने बताया, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति के अनुसार न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता आवश्यकताओं के उल्लंघन या स्टॉक की कीमतों में हेरफेर का कोई सबूत नहीं मिला है.
समूह के अनुसार, "दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें सवाल भेजने वाले प्रकाशनों ने हमारी प्रतिक्रिया को पूरा प्रकाशित नहीं किया... सभी बातों के अलावा, इन प्रयासों का उद्देश्य हमारे शेयरों की कीमतों को नीचे लाकर मुनाफा कमाना है और शॉर्ट सेलरों की विभिन्न अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है..."
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