बच्चों की परवरिश | Bachchon Ki Parwrish | Motivational Story | Heart Touching Story | RKT News
एक चोर को सजा देते समय जज ने उससे पूछा कि क्या तुम अपनी सफाई में उसे कुछ कहना चाहते हो ?
उस आदमी ने जवाब दिया“ जी हुजूर, मेहरबानी करके मेरे माँ - बाप को भी सज़ा दीजिए ।
जज ने पूछा , क्यों ? चोर ने जवाब दिया “ जब मैं छोटा बच्चा था,तो मैने स्कूल से पहली बार पेन चुराकर लाया था तब मेरे माँ बाप ने जान बूझकर नज़रअंदाज किया था। उसके बाद मैं स्कूल और पड़ोसियों घरों से एक के बाद एक चीजे चुराता रहा और चोरी करना मेरी आदत बन गई ।
अगर मेरी पहली गलती पर मेरे माँ बाप मुझे ऐसा करने से रोकते तो आज में कटघरे में खड़ा नहीं होता ,पर सवाल यह पैदा होता है कि क्या माँ - बाप को बच्चों को गलत काम करने का चुनाव करने का मौका देना अच्छी बात है ।
पेंसिल चुराने से लेकर मेरे माँ - बाप को यह सारी बातें मालूम थीं , पर उन्होंने मुझे कभी रोका नहीं इसलिए मेरे साथ उन्हें भी जेल जाना चाहिए।
वह बच्चा सही कह रहा था । हालाँकि इन बातों से वह अपनी जिम्मेदारी से बरी नही होता पर सवाल यह पैदा होता है कया माँ बाप ने सही काम किया?
बच्चों को मन मुताबिक काम कर करने की अनुमति देना अच्छी बात है, पर सही रास्ता दिखाएं बिना चुनाव करने की छूट देना उनकी तबाही की वजह भी बन सकता है। शरीर और मन को पूरी तैयारी त्याग और अनुशासन से ही संभव है।
शिक्षा
अपने बच्चों की गलतियों को नजरअंदाज ना करो बचपन के बुरे संस्कार आने वाले कल तक बहुत बड़ी सज़ा बन सकती है।
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