Pran consecration of Ram temple: अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन आम लोगों के लिए आरएसएस कर रहा ये तैयारी
अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 45 प्रांतीय इकाइयों से जुड़े विभिन्न संगठनों के हज़ारों वॉलंटियर घर-घर जाकर ‘अक्षत’ बांटेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बीजेपी समेत ख़ुद से जुड़े संगठनों के साथ तालमेल बिठाने के लिए बैठकें करना शुरू कर दिया है.
हाल ही में उत्तर प्रदेश के काशी, अवध, ब्रज, मेरठ प्रांतों और उत्तराखंड प्रांत में ऐसी बैठकों का आयोजन किया गया है.
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय और मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने 29 अक्टूबर को वाराणसी में काशी प्रांत की बैठक ली थी. इसी तरह ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने लखनऊ में अवध प्रांत की बैठक ली. वहीं उत्तराखंड प्रांत की बैठक वर्चुअली ली गई.
ख़बर के अनुसार, देहरादून में आरएसएस के एक कार्यकर्ता ने कहा, “ज़्यादातर पहाड़ी इलाक़ों वाले इस राज्य में कुछ अहम मंदिर हैं. अक्षत बांटने, पूजा करने और राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की लाइव स्ट्रीमिंग इन मंदिरों में करने के लिए एक हज़ार से ज़्यादा लोग चाहिए होंगे.”
आरएसएस और वीएचपी के स्वयंसेवक चावल के दानों, हल्दी और घी से बना 'अक्षत' पीतल के कलशों में लेकर रविवार को अयोध्या जाएंगे और फिर वे वहां से अपने-अपने प्रांत मुख्यालय लौट जाएंगे.
ये वॉलंटियर घर-घर जाकर अक्षत बांटेंगे और लोगों को नज़दीकी मंदिर में मनाए जा रहे कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता देंगे.
अख़बार के मुताबिक़, मंदिर ट्रस्ट के एक अधिकारी ने कहा, "हर प्रांत को पांच किलो अक्षत दिया जाएगा जो बांटने के लिए मुख्यालय ले जाया जाएगा. वे इसमें और चावल-हल्दी मिलाएंगे. दिसंबर के आख़िर तक हर गांव, हर वॉर्ड में इसे पहुंचाया जाएगा. एक से 15 जनवरी तक इसे घर-घर बांटा जाएगा. हमारा लक्ष्य पांच करोड़ घरों में दीपक जलाने का भी है."
अधिकारी ने बताया कि उनकी योजना 'पांच लाख मंदिरों में कार्यक्रम करवाकर पूरे देश को अयोध्या में तब्दील करने का है.'
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