आज का वैदिक पंचांग | Aaj Ka Vedic Panchang
🌤️ दिनांक - 09 नवम्बर 2023
🌤️ दिन - गुरूवार
🌤️ विक्रम संवत - 2080 (गुजरात - 2079)
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन - दक्षिणायन
🌤️ ऋतु - हेमंत ॠतु
🌤️ मास - कार्तिक (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार आश्विन)
🌤️ पक्ष - कृष्ण
🌤️ तिथि - एकादशी सुबह 10:41 तक तत्पश्चात द्वादशी
🌤️ नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी रात्रि 09:57 तक तत्पश्चात हस्त
🌤️ योग - वैधृति शाम 04:49 तक तत्पश्चात विष्कंभ
🌤️ राहुकाल - दोपहर 01:47 से शाम 03:11 तक
🌞 सूर्योदय-06:46
🌤️ सूर्यास्त- 17:58
दिशाशूल - दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व विवरण - रमा एकादशी,ब्रह्मलीन मातु श्री माँ महँगीबाजी का महानिर्वाण दिवस,गोवत्स द्वादशी
विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
रमा एकादशी
08 नवम्बर 2023 बुधवार को सुबह 08:24 से 09 नवम्बर, गुरुवार को सुबह 10:41 तक एकादशी है।
विशेष - 09 नवम्बर, गुरुवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।
रमा एकादशी ( यह व्रत बड़े – बड़े पापों को हरनेवाला, चिन्तामणि तथा कामधेनु के समान सब मनोरथों को पूर्ण करनेवाला है |
काली चौदसः नारकीय यातनाओं से रक्षा
11 नवम्बर 2023 शनिवार को नरक चतुर्दशी, काली चौदस गुजरात), 12 नवम्बर, रविवार को नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यंग स्नान) ।
नरक चतुर्दशी (काली चौदस) के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल-मालिश (तैलाभ्यंग) करके स्नान करने का विधान है। 'सनत्कुमार संहिता' एवं 'धर्मसिंधु' ग्रंथ के अनुसार इससे नारकीय यातनाओं से रक्षा होती है।
काली चौदस और दीपावली की रात जप-तप के लिए बहुत उत्तम मुहूर्त माना गया है। नरक चतुर्दशी की रात्रि में मंत्रजप करने से मंत्र सिद्ध होता है।
इस रात्रि में सरसों के तेल अथवा घी के दिये से काजल बनाना चाहिए। इस काजल को आँखों में आँजने से किसी की बुरी नजर नहीं लगती तथा आँखों का तेज बढ़ता है।
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
अंक ज्योतिष का सबसे आखरी मूलांक है नौ। आपके जन्मदिन की संख्या भी नौ है। यह मूलांक भूमि पुत्र मंगल के अधिकार में रहता है। आप बेहद साहसी हैं। आपके स्वभाव में एक विशेष प्रकार की तीव्रता पाई जाती है। आप सही मायनो में उत्साह और साहस के प्रतीक हैं।
मंगल ग्रहों में सेनापति माना जाता है। अत: आप में स्वाभाविक रूप से नेतृत्त्व की क्षमता पाई जाती है। लेकिन आपको बुद्धिमान नहीं माना जा सकता। मंगल के मूलांक वाले चालाक और चंचल भी होते हैं। आपको लड़ाई-झगड़ों में भी विशेष आनंद आता है। आपको विचित्र साहसिक व्यक्ति कहा जा सकता है।
शुभ दिनांक : 9, 18, 27
शुभ अंक : 1, 2, 5, 9, 27, 72
शुभ वर्ष : 2025, 2036, 2045
ईष्टदेव : हनुमान जी, मां दुर्गा।
शुभ रंग : लाल, केसरिया, पीला
कैसा रहेगा यह वर्ष
अपनी शक्ति का सदुपयोग कर प्रगति की और अग्रसर होंगे। पारिवारिक विवाद सुलझेंगे। महत्वपूर्ण कार्य योजनाओं में सफलता मिलेगी। अधिकार क्षेत्र में वृद्धि संभव है। नौकरी में आ रही बाधा दूर होगी। स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। राजनैतिक व्यक्ति सफलता का स्वाद चख सकते हैं। मित्रों स्वजनों का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी
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