आज का वैदिक पंचांग | Aaj Ka Vedic Panchang | 30-08-2023
🌤️ दिनांक - 30 अगस्त 2023
🌤️ दिन - बुधवार
🌤️ विक्रम संवत - 2080 (गुजरात - 2079)
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन - दक्षिणायन
🌤️ ऋतु - शरद ॠतु
🌤️ मास - श्रावण
🌤️ पक्ष - शुक्ल
🌤️ तिथि - चतुर्दशी सुबह 10:58 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
🌤️ नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 08:47 तक तत्पश्चात शतभिषा
🌤️ योग - अतिगण्ड रात्रि 09:33 तक तत्पश्चात सुकर्मा
🌤️ राहुकाल - दोपहर 12:39 से दोपहर 02:14 तक
🌞 सूर्योदय-06:22
🌤️ सूर्यास्त- 18:55
👉 दिशाशूल- उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण - राखी पूर्णिमा,नारियली-श्रावणी पूर्णिमा,रक्षाबंधन,हयग्रीव जयंती
💥 विशेष- चतुर्दशी पूर्णिमा और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रक्षाबंधनः संकल्पशक्ति का प्रतीक
रक्षाबंधन के दिन बहन भैया के ललाट पर तिलक-अक्षत लगाकर संकल्प करती है कि 'मेरा भाई भगवत्प्रेमी बने। जैसे शिवजी त्रिलोचन हैं, ज्ञानस्वरूप हैं, वैसे ही मेरे भाई में भी विवेक-वैराग्य बढ़े, मोक्ष का ज्ञान, मोक्षमय प्रेमस्वरूप ईश्वर का प्रकाश आये। मेरा भाई धीर-गम्भीर हो। मेरे भैया की सूझबूझ, यश, कीर्ति और ओज-तेज अक्षुण्ण रहे।' भाई सोचे कि 'हमारी बहन भी चरित्रप्रेमी, भगवत्प्रेमी बने।'
इस पर्व पर धारण किया हुआ रक्षासूत्र सम्पूर्ण रोगों तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है। इसे वर्ष में एक बार धारण करने से वर्ष भर मनुष्य रक्षित हो जाता है। (भविष्य पुराण)
रक्षाबंधन के पर्व पर बहन भाई को आयु, आरोग्य पुष्टि की बृद्धि की भावना से राखी बाँधती है। अपना उद्देश्य ऊँचा बनाने का संकल्प लेकर ब्राह्मण लोग जनेऊ बदलते हैं।
समुद्र का तूफानी स्वभाव श्रावणी पूनम के बाद शांत होने लगता है। इससे जो समुद्री व्यापार करते हैं, वे नारियल फोड़ते हैं।
पंचक प्रारंभ : बुधवार, 30 अगस्त 2023 पूर्वाह्न 10:19 बजे
पंचक समाप्त: रविवार, 03 सितंबर 2023 पूर्वाह्न 10:38 बजे
पंचक प्रारंभ : मंगलवार, 26 सितंबर 2023 अपराह्न 08:28 बजे
पंचक समाप्त : शनिवार, 30 सितंबर 2023 को रात 09:08 बजे
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं।
ऐसे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अकसर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं।
शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30
शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9,
शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052,
ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु
शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी
कैसा रहेगा यह वर्ष
नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। आपके लिए यह वर्ष सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे
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