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I.N.D.I.A. Alliance का कड़वा सच

 I.N.D.I.A. Alliance का कड़वा सच 


I.N.D.I.A. Alliance का कड़वा सच


ईंट और रोड़े खड़ खड़ कर रहे हैं

कुनबा जोड़ने वाली

“भानुमति”

परेशान है

उसके “खोटे सिक्के” को कोई चलाने को तैयार नहीं है

दो दिन तक क्या 28 दल के नेता “घुइयाँ छील रहे” थे ?


“कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा,

भानुमति ने कुनबा जोड़ा”

बस यही है I.N.D.I.A. Alliance सोनिया गांधी का जोड़ा हुआ कुनबा

जो पहले मिला पटना में,

फिर बंगलुरु में

और अब मुंबई में

मगर किसी ने सोनिया के “खोटे सिक्के” को प्रधानमंत्री बनाने के लिए आवाज़ नहीं उठाई

बल्कि एक नहीं

कई और तैयार हो गए प्रधानमंत्री की कुर्सी को सुशोभित करने के लिए


मोदी को हटाने का एकमात्र प्रोग्राम बना कर

मोदी को गाली देने के लिए महंगे होटल में 2 दिन मौज मस्ती कर

बस “खाए पिए और खिसकने” वाला ही काम किया - “चोरों की बारात” ने 

Temporary दूल्हा यानी संयोजक भी नहीं बना सके,

न “ठगबंधन” का “लोगो” बना

न Common Minimum Programme बना

न “Seat Sharing” का फार्मूला बना

और न ही जलसे की सभा की अगली तारीख तय हुई


मतलब 2 दिन ऐसे ही होटल में ये नेता “घुइयाँ छील रहे थे”

जिसके 16,000 रूपए से 2,50,000 रुपए के किराए के कमरे में बैठकर

345 रुपए की पानी की बोतल पी रहे थे

550 रुपए की चाय पी रहे थे

1440 रुपए की सलाद

1560 रुपए की दाल मखनी

1325 रुपए की सब्जी

और 400 रूपए की रोटी पेल रहे थे

(इनमे टैक्स शामिल नहीं है)

और दारु का तो हिसाब Organizer ही जाने 


संयोजक पद के लिए उद्धव मियां कह रहे हैं

“चोरों की बारात” के लिए किसी लीडर की जरूरत नहीं है


अब देखिए ईंट और रोड़े आपस में ही कैसे खड़ - खड़ कर रहे हैं

कल हमेशा “बिना सोचे समझे बोलने वाले” अधीर रंजन चौधरी ने कह दिया कि ममता बनर्जी कांग्रेस के तलुए चाट रही है Alliance में रहने के लिए


और आज ममता बनर्जी ने हल्ला ठोक दिया कि पहले Seat Sharing के फॉर्मूले पर बात करो वरना सारी Excercise बेकार है

उधर सीताराम येचुरी ने कह दिया कि बंगाल में ममता से कोई समझौता नहीं होगा,

हम उसके खिलाफ लड़ेंगे

और केरल में कांग्रेस के खिलाफ लड़ेंगे 

फिर तो Alliance गया घुइयाँ के खेत में


ठगबंधन की कल शुरू हुई बैठक से पहले कई नाम प्रधानमंत्री पद के लिए उछले

मगर किसी के लिए किसी अन्य दल से समर्थन की आवाज़ नहीं

आई और सबसे बड़ी बात,

सोनिया गांधी के लाड़ले राहुल गांधी के लिए एक भी दल के नेता ने “I.N.D.I.A. Alliance” के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के लिए नहीं कहा


आज इस Alliance ने 14 सदस्यों की एक Coordination Committee बना दी 

जिसके सभी सदस्य 

(शरद पवार को छोड़ कर)

ऐसे हैं

जिनमे निर्णय लेने की कोई क्षमता है ही नहीं है.

वो अपने अपने दल के His Master Voice हैं

और या अपने अपने राज्य के ही “चौधरी” हैं

शरद पवार भी शक्तिहीन ही है

क्योंकि उसे पता नहीं कल वो कहां होंगे 


घमंडिया गठबंधन का फोटो सेशन होने के बाद

किसी भी नेता को बगैर सुन सोनिया गांधी दिल्ली निकल ली 

फिर धीरे-धीरे करके एक-एक नेताओं के संबोधन होते गए

और जिस नेता का संबोधन हुआ, वह दूसरे नेता को बगैर सुने बगैर निकाल लिये

कुल मिलाकर घमंडीया गठबंधन का सार यह है की नेताओं के दल मिले हैं, दिल नहीं मिले हैं  


कुल मिलाकर बात यह है की

इन सभी गठबंधन के नेताओं की फाइल उलझी हुई है

और लगभग सभी के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं

किसी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे हैं 

तो कोई जमानत पर है

इसी से निजात पाने के लिए यह सब मिले हैं

इन सब का सोचना यह है की

सब इकट्ठे मिलकर मोदी को हरा देंगे

और अपने खिलाफ चल रहे केसों को खत्म करा देंगे

पर यह संभव नहीं है


सबसे मजेदार बात तो कल सरकार ने कर दी

जो 18 से 22 सितंबर के लिए संसद का विशेष सत्र बुला लिया

जिसने “चोरों की बारात” में खलबली मचा दी

अभी विपक्षी दल ये सोच ही रहे थे कि विशेष सत्र में क्या होगा

कि आज एक नया विषय छेड़ दिया मोदी जी

One Nation One Election

और इसकी कमेटी भी बना दी है

और इस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी को बनाया गया है

और यह विपक्ष की जड़ें हिलाने के लिए बहुत है

मानों तो विपक्ष के “नींबू निचोड़” दिए


कांग्रेस जो I.N.D.I.A. Alliance की अग्रणी बनी हुई है

उससे इतना भी नहीं हुआ कि 2 दिन की मीटिंग शुरू होते ही चंद्रयान - 3 की सफलता के लिए परलोक में बैठे इश्क़ लड़ाते नेहरू जी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का प्रस्ताव सभी दलों की तरफ से पास करा देती


कितनी गंदी बात है,

नेहरू जी के उपलब्धि को नज़रअंदाज कर दिया कांग्रेस ने

उनके आशीर्वाद के बिना कांग्रेस इस “ठगबंधन” में कैसे सफल होगी 

भारत माता की जय

*वंदे मातरम - जय हिंद

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